अंग्रेजी हुकूमत के पुलिस के डंडों के निर्मम प्रहार ने लाला लाजपत राय की जान ले ली। इसका बदला लेने के लिए भगत सिंह और राजगुरु ने अंग्रेजी पुलिस अफसर जे. पी. सॉन्डर्स की गोली मार के हत्या कर दी, और फांसी पर चढ़ के देश के लिए शहीद हो गए। आज, लाला लाजपत राय की स्मृति शायद भगत सिंह के स्मृति के साये में रह गयी है। मगर लाजपत राय स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, राज नेता, विचारक, और लेखक थे। वे आज़ाद भारत के निर्माताओं में से एक थे। हिन्दू समाज के सशक्तिकरण की बात करने वाले लाजपत राय, एक कट्टर ‘सेक्युलर’ यानी धर्मनिरपेक्ष थे। ये बातें बड़ी स्पष्टता से उजागर होती हैं, वन्या वैदेही भार्गव की किताब ‘बीइंग हिन्दू, बीइंग इंडियन’ में — जो लाजपत राय के उभरते और बदलते सोच, विचारों और सिद्धांतों की जीवनी है।
- इंस्टाग्राम पर वन्या वैदेही भार्गव
- एक्स (ट्विटर) पर वन्या वैदेही भार्गव
- फेसबुक पर वन्या वैदेही भार्गव
- ‘बीइंग हिन्दू, बीइंग इंडियन’ अमेज़न पर
- द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ लाला लाजपत राय अमेज़न पर
‘सम्बन्ध का के की’ के टाइटिल म्यूज़िक की उपलब्धि, पिक्साबे के सौजन्य से।