‘भारत के मुसलमानों की जनसंख्या तेज गति से बढ़ रही है और इससे देश को खतरा है।’ ये बात अक्सर सुनने को मिलती है। मगर जो ‘मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर’ प्रायः सांप्रदायिक तनाव और भय का कारण बन जाता है, उसकी सच्चाई क्या है? तथ्य और आंकड़ों के माध्यम से ये बात समझाते हैं, भारत के भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस. वाई. कुरैशी अपनी पुस्तक ‘द पॉपुलेशन मिथ’ में। सुनिए डॉ. कुरैशी के साथ इस विवादास्पद मुद्दे पर एक रोचक चर्चा।
(आप शो नोट्स sambandhkakeki.com पर भी देख सकते हैं।)
ट्विटर व इंस्टा पर डॉ. एस. वाई. कुरैशी
डॉ. एस. वाई. कुरैशी द्वारा लिखी गईं पुस्तकें –
नॉन फिक्शन
लोकतंत्र के उत्सव की अनकही कहानी
ओल्ड देल्ही — लिविंग ट्रेडिशंस
सोशल मार्केटिंग फॉर सोशल चेंज, १९९६
प्रकाशक – अजंता बुक्स इंटरनेशनल, मेरठ, उत्तर प्रदेश — २५० ००२