जुलाई २०२३ में रेलवे पुलिस के एक सिपाही ने जयपुर-मुंबई सुपर फास्ट एक्सप्रेस में सफर कर ते तीन मुसलमान यात्रियों की गोली मार कर हत्या कर दी, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे मुसलमान थे।अपनी किताब में डॉ हिलाल अहमद लिखते हैं कि इस घटना से पता चलता है कि आज के भारत में हिंसात्मक मुस्लिम-विरोधी माहौल किस हद तक बढ़ चुका है।मगर उन्होंने पिछले दस वर्षों में भारत के मुसलमान नागरिकों के हालात और उनके मुस्लिम पहचान का आकलन सहनशील, निष्पक्ष, और शांत चित्त भाव से किया है।सुनिए एक चर्चा डॉ अहमद के साथ उनकी पुस्तक ‘अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ द प्रेज़ेंट’ पर।
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(‘सम्बन्ध का के की’ के टाइटिल म्यूज़िक की उपलब्धि, पिक्साबे के सौजन्य से।)

