ईस्ट इंडिया कंपनी ने ११ सितम्बर सन १८०३ को पटपड़गंज की लड़ाई में मराठा ताकतों को हरा कर दिल्ली और उसके आसपास के छेत्रों पर कब्ज़ा पा लिया और इसके साथ ही दिल्ली के इतिहास में अंग्रेज़ी हुकूमत का दौर आरम्भ हुआ। एक तरफ लाल किले पर तख्तनशीन मुग़ल बादशाह शाह आलम, अकबर और बहादुर शाह ज़फर, और एक तरफ डेविड ऑक्टरलोनी, चार्ल्स मेटकाफ, और विलियम फ़्रेज़र जैसे अंग्रेज़ी रेज़िडेंट हुक्मरान। एक तरफ मिर्ज़ा ग़ालिब, मोमिन, और ज़ौक़, तो एक तरफ देल्ही कॉलेज से जुड़े गणितज्ञ मास्टर राम चन्दर, और विद्वान सर सय्यद अहमद खान। नए स्कूल और कॉलेज, ज्ञान-विज्ञान, प्रिंटिंग प्रेस, टेलीग्राफ, और अख़बार की दिल्ली में मध्यकालीन और आधुनिक युगों के टकराव का बयान है, स्वप्ना लिडल की किताब ‘द ब्रोकन स्क्रिप्ट’।
स्वप्ना लिडल द्वारा लिखी गयी पुस्तकें —
फोर्टीन हिस्टोरिक वॉक्स ऑफ़ डेल्ही
शाहजहानाबाद – मैपिंग अ मुग़ल सिटी
चांदनी चौक – द मुग़ल सिटी ऑफ़ ओल्ड डेल्ही