एपिसोड 10 : अनदर सॉर्ट ऑफ़ फ्रीडम – गुरचरन दास  

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अगर आप की माँ आपसे कहती हों, बेटा, “मेक अ लिविंग,” मतलब अच्छा खाओ-कमाओ और इज़्ज़त-हैसियत के साथ जियो। और, उसके विपरीत, आपके पिता जी आपसे कहते हों, बेटा, “मेक अ लाइफ, मतलब सार्थक ज़िन्दगी जियो, पैसे और शोहरत के पीछे मत भागो। तो आप क्या करेंगे? अगर आप गुरचरन दास हैं तो आप दोनों चीज़ करते हैं। व्यस्क ज़िन्दगी के पहले तीन दशकों में मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करके एक बेहद सफल करियर बनाते हैं। फिर ५२ साल की उम्र से एक लोकप्रिय लेखक और बुद्धजीवी के रूप में जाने जाते हैं। आइये सुनते हैं, गुरचरन दास के साथ उनके रोचक संस्मरण, अनदर सॉर्ट ऑफ़ फ्रीडम  यानी एक अलग किस्म की आज़ादी  पर एक चर्चा।

ट्विटर पर गुरचरन दास

फेसबुक पर गुरचरन दास  

लिंक्ड इन में गुरचरन दास

अनदर सॉर्ट ऑफ़ फ्रीडम अमेज़न पर

गुरचरन दास द्वारा लिखी गईं अन्य पुस्तकें अमेज़न पर

पॉडकास्ट में चर्चा की गई अन्य पुस्तकें —

रिमेम्बरेंस ऑफ़ थिंग्स पास्ट, लेखक मार्सेल प्रूस्ट

‘सम्बन्ध का के की’ के टाइटिल म्यूज़िक की उपलब्धि, पिक्साबे के सौजन्य से। 

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