‘भारत के मुसलमानों की जनसंख्या तेज गति से बढ़ रही है और इससे देश को खतरा है।’ ये बात अक्सर सुनने को मिलती है। मगर जो ‘मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर’ प्रायः सांप्रदायिक तनाव और भय का कारण बन जाता है, उसकी सच्चाई क्या है? तथ्य और आंकड़ों के माध्यम से ये बात समझाते हैं, भारत के भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस. वाई. कुरैशी अपनी पुस्तक ‘द पॉपुलेशन मिथ’ में। सुनिए डॉ. कुरैशी के साथ इस विवादास्पद मुद्दे पर एक रोचक चर्चा। (आप शो नोट्स sambandhkakeki.com पर भी देख सकते हैं।) ट्विटर व इंस्टा पर डॉ. एस. वाई. कुरैशी डॉ. एस. वाई. कुरैशी द्वारा लिखी गईं पुस्तकें –...
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View allवर्ष २००६, अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान हुकूमत को गिरे हुए पाँच साल हो चुके हैं — तरनखान पहली बार हिंदुस्तान से अफ़ग़ानिस्तानकी राजधानी काबुल पहुँचती हैं तो उनको लगता है कि वे एक अजनबी शहर में आयी हैं, और साथ-साथ यह भी लगता है कि ऐसे शहर में आई हैं जिससे उनका पुराना परिचय हो। काबुल में उनकी पहचान शायरों, फिल्म निर्माताओं, पत्रकारों और शहर के अन्य बाशिंदो से होती है। वक़्त के साथ, वे पाती हैं कि उनकी कल्पना के शहर और उनकी हकीकत के शहर में फ़र्क़ है। आइये सुनते हैं, तरन खान के साथ उनकी किताब ‘शैडो सिटी — अ वुमन वॉक्स काबुल’ पर एक चर्चा। (आप शो नोट्स,sambandhkakeki.comपर भी देख...
एक बेहतरीन योद्धा, कुशल प्रशासक, और दूरदृष्टिवान शासक — शहंशाह अकबर ने सम्पूर्ण उत्तरी हिन्द महाद्वीप में अपना साम्राज्य स्थापित किया और अपने बहुलवादी (प्लुरलिज़्म) एवं सहनशीलतावादी (टॉलरेंस) नीतियों द्वारा वर्तमान और भविष्य के हिंदुस्तान के लिए ‘विविधता में एकता’ की मिसाल खड़ी की। एक १३ साल का लड़का जिसके पिता की मौत हो चुकी थी, और जो महत्वाकांक्षी दरबारियों, सिपहसालारों, और अमीरों से घिरा हुआ था, विश्व के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक कैसे बन गया? सुनिए, पार्वती शर्मा के साथ एक चर्चा उनकी किताब ‘अकबर ऑफ़ हिंदुस्तान’ यानी ‘हिन्दुस्तान का अकबर’ पर।...