नेहा दिक्षित की किताब ‘द मेनी लाइव्स ऑफ़ सईदा एक्स’ कहानी है सईदा की, जो बनारस के दंगो में सब कुछ खोने के बाद, आजीविका की तलाश में अपने पति और छोटे बच्चों के साथ १९९६ में दिल्ली आ जाती है। अगले २४ सालों में सईदा दिल्ली में ५० अलग-अलग तरह के काम करती है, जैसे साइकिल के पुर्जे बनाना, बादाम छीलना, डॉक्टर के क्लीनिक में सफाई करना, या गजक, खिलौने और अगरबत्ती बनाना। दिन में १६ से १८ घंटों काम करने के बावजूद सईदा रोटी, कपड़े, और मकान के लिए हमेशा झुझती रहती है। वर्ष २०२० में दिल्ली में दंगे होते हैं और एक बार फिर सईदा का सब कुछ लुट जाता है। सुनिए ‘द मेनी लाइव्स ऑफ़ सईदा एक्स’ पर एक चर्चा, नेहा के साथ।
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(‘सम्बन्ध का के की’ के टाइटिल म्यूज़िक की उपलब्धि, पिक्साबे के सौजन्य से।)

