एक बेहतरीन योद्धा, कुशल प्रशासक, और दूरदृष्टिवान शासक — शहंशाह अकबर ने सम्पूर्ण उत्तरी हिन्द महाद्वीप में अपना साम्राज्य स्थापित किया और अपने बहुलवादी (प्लुरलिज़्म) एवं सहनशीलतावादी (टॉलरेंस) नीतियों द्वारा वर्तमान और भविष्य के हिंदुस्तान के लिए ‘विविधता में एकता’ की मिसाल खड़ी की। एक १३ साल का लड़का जिसके पिता की मौत हो चुकी थी, और जो महत्वाकांक्षी दरबारियों, सिपहसालारों, और अमीरों से घिरा हुआ था, विश्व के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक कैसे बन गया? सुनिए, पार्वती शर्मा के साथ एक चर्चा उनकी किताब ‘अकबर ऑफ़ हिंदुस्तान’ यानी ‘हिन्दुस्तान का अकबर’ पर।...